5G Service Launch: देशभर में दो साल के भीतर 5G सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में 5G दूरसंचार सेवाएं बहुत जल्द शुरू की जाएंगी और सरकार का लक्ष्य 2 साल के भीतर पूरे देश को कवर करना है. अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि भारत अक्टूबर तक 5जी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है.
सरकार ने अगस्त में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन पत्र जारी किया था. इसके बाद सरकार ने उनसे 5जी सेवाओं के रोलआउट के लिए तैयार करने के लिए कहा था. इस स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ, भारत हाई-स्पीड 5G दूरसंचार सेवाओं को शुरू करने के अंतिम चरण में पहुंच गया है.
रिलायंस जियो ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह इस साल दिवाली तक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे कई प्रमुख शहरों में हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम सेवाएं लॉन्च करेगी. इसके बाद, दिसंबर 2023 तक देश भर के प्रत्येक शहर, तहसील और कस्बे में अपने 5G नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा.
Very quickly 5G companies shall be launched & our goal shall be to, virtually cowl the complete nation with 5G companies inside 2 years. Funding of round 35 billion USD for 5G. Digital well being initiatives shall be accessible to all: Union IT Minister Ashwini Vaishnaw, in Delhi pic.twitter.com/YuHMcmBKMk
— ANI (@ANI) September 25, 2022
5G क्या है और 3G और 4G सेवाओं से कैसे अलग है?
5G पांचवीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है जो बहुत तेज गति से डेटा के बड़े सेट को प्रसारित करता है. 3G और 4G की तुलना में, 5G में बहुत कम देर होती है. 5G रोलआउट से खनन, वेयरहाउसिंग, टेलीमेडिसिन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में दूरस्थ डेटा निगरानी में और अधिक विकास होने की उम्मीद है.
नीलामी में भाग लेने वाली कंपनियां
स्पेक्ट्रम नीलामी में चार प्रमुख भागीदार रिलायंस जियो, अदानी समूह, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हिस्सा लिया था.
नीलामी से सरकार को कितना राजस्व प्राप्त हुआ?
दूरसंचार विभाग को हाल ही में संपन्न नीलामी से कुल 1.50 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं. नीलामी से राजस्व शुरू में 80,000-90,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था. 5जी सेवाएं 4जी से करीब 10 गुना तेज होने की उम्मीद है.
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